Scheme Draw on 22nd Aug, 2018
रोटी कपड़ा के बाद आवास मनुष्य की बुनियादी आवश्यकता है परंतु वर्तमान समय में समाज के एक वर्ग को इस बुनियादी सुविधा को पाना असंभव प्रतीत होता है जबकि समाज का यह वर्ग राष्ट्र के आर्थिक विकास में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हम उन सभी नौकरी पेशा एवं छोटे व्यापार करने वाले वर्ग की बात कर रहे हैं जिनके लिए सभी सुविधाओं से सुसज्जित आवास पाना एक स्वप्न मात्र है, यह सभी लोग अपनी क्षमता अनुसार केवल कच्ची एवं अनधिकृत कॉलोनियों में आवास लेने के लिए बाध्य है जहां एक कॉलोनी की मूलभूत सुविधाएं जैसे सीवरेज, पानी का कनेक्शन, बच्चों के खेलने का स्थान, पार्क एवं पार्किंग उपलब्ध नहीं है तथा कई बार प्राधिकरण की कार्यवाही होने पर वह अपने जीवन भर की कमाई से तैयार आशियाने से हाथ धो बैठते हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार इस बारे में जागरूक है कि समाज के समस्त आय वर्गों को आर्थिक क्षमता अनुसार आवास की उपलब्धता जनकल्याण में सुधार तथा राज्य एवं राष्ट्र के आर्थिक विकास के लिए सर्वोपरि है। यद्यपि केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा शहरी क्षेत्रों में दुर्लभ एवं अल्प आय वर्ग के परिवारों को अफोर्डेबल हाउसिंग मुहैया कराने हेतु समय-समय पर कई नीतियां निर्धारित की गई है और योजनाएं भी संचालित की गई है, परंतु समाज के निम्न-मध्यम आय वर्ग के परिवारों की आवासीय समस्या के समाधान हेतु अलग से कोई नीति निर्धारित नहीं थी।
सरकार के सीमित संसाधनों से उक्त मांग को पूर्ण करना संभव नहीं था। उपरोक्त के दृष्टिगत प्रदेश में आवासीय समस्या के समाधान हेतु राज्य शहरी आवास एवं पर्यावास नीति घोषित की गई, जिसके क्रम में समाज के निम्न- मध्यम आय वर्ग को रु15 से 30 लाख की लागत के अंतर्गत आवास मुहैया कराने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार की अफॉर्डेबल हाउसिंग नीति का निर्धारण करते हुए उसके अधीन उत्तर प्रदेश में अफॉर्डेबल आवासों के निर्माण कार्य के लिए निजी सहयोग लेने का निर्णय लिया गया ।
Strategically located at Close Proximity of NH-24, Delhi-meerut Expressway, Eastern Peripheral Expressway
Spread over 10 acres with all modern ameneties of recreation, health and security
कुल भवनों की सख्या
1663कुल ड्रॉ द्वारा आबंटन
860कुल आवेदन
1820